*हिजाब विवाद को लेकर अकोला में आंदोलन, मोहम्मद अली चौक में प्रतीकात्मक रूप से जूते मारकर किया गया विरोध*. (अकोला जिला प्रतिनिधि इमरान खान)अकोला:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र प्रदान करते समय एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींचने की कथित घटना के विरोध में अकोला शहर के मोहम्मद अली चौक में जोरदार आंदोलन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से जूते मारकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की।आंदोलन में शामिल नागरिकों ने “नीतीश कुमार मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए महिला सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान प्रदत्त अधिकारों के समर्थन में आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं की धार्मिक पहचान और आत्मसम्मान का प्रतीक है तथा इस प्रकार की घटना न केवल एक महिला डॉक्टर बल्कि पूरे मुस्लिम समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।आंदोलन में इस्माइल भाई, असलम फत्ता, मुंशी जी, अय्यूब भाई (दूध वाले), रफ़ीक सिद्दीकी, जावेद ज़करिया, शेख अज़ीज़ सिकंदर, जमील भाई, निज़ाम भाई (मूर्तिजापुर वाले), जावेद खान, हाजी अशरफ गाज़ी, रफ़ीक ज़करिया, आसिफ मनोरवाला, सम्मीर भूरानी, अमीर भाकेई, फैज़ान चह्वाण, हारून भाई, इमरान चह्वाण, चन्दू भाई, सिपतैन खान सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा प्रतीकात्मक विरोध के माध्यम से घटना की कड़ी निंदा की गई तथा जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता व कच्छी मस्जिद के अध्यक्ष जावेद ज़करिया ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में किसी भी महिला के धार्मिक पहनावे के साथ छेड़छाड़ करना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मंच पर एक महिला डॉक्टर के साथ इस प्रकार का व्यवहार महिला सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और संविधानिक मूल्यों के विरुद्ध है।आंदोलनकारियों ने मांग की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे प्रकरण पर सार्वजनिक रूप से महिलाओं और मुस्लिम समुदाय से माफी मांगें, साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो,
byमीडीया पोलीस टाईम
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